Wednesday, September 16, 2009
हमारे हाथ में सिर्फ करमा है ऐसा लोग कहते हैं लेकिन मेरा मानना है की करमा के साथ एक और चीज़ छाया बनके चलती रहती है वो है इंसान की किस्मत ,उसका मुक्क़द्दर ,अगर ऐसा न होता तो हर कोई अमिताभ बच्चन ,सुनील गावस्कर या टाटा बिरला बन जाता ,लेकिन फिर भी ऐसा नहीं होता करमा तो हर कोई करता है पर नसीब सबका अलग अलग होता है जैसे सबकी शक्ल अलग अलग सबके माता पिता ,खानदान अलग अलग ........सबके ब्लॉग अलग अलग .....................
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2 comments:
Apne aa ko kabho kam mat samjho, meraa maannaa haikki karmaa naseeb zaroore badaltaa hai
आपका ब्लॉग देखा, अच्छा लगा. आपने आज तक सेलेब्रिटीज़ के जितने भी इंटरव्यु किए हैं उन सबको फोटो सहित यहाँ लगाएँ तो अच्छा लगेगा. साथ में ऑडियो भी लगा देगे तो और भी अच्छा होगा.कृपया कमेंट बॉक्स से वर्ड-वेरीफ़िकेशन हटा दें, इससे इरीटेशन होता है.
शुभकामनाएँ.
स्नेह सहित,
मीनू खरे
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