Sunday, October 4, 2009


एक कागज़ वो भी था जिसपे मैंने पहली बार साइन किये थे जब मैं स्कूल में  था , एक कागज़ वो भी था जिसपे मैंने तब साइन किये थे जब मैं किसी सिस्टम  में फंस गया था और एक कागज़ वो भी था जिसपे डॉक्टर ने मेरी माँ के दएलिसेस के लिए माँ के आखिरी दिनों में साइन लिए थे . एक्कागाज़ वो भी है जिसपे मैं अपने हर शो से पहले ऍफ़ एम्  में साइन करता हूँ .देख रहा हूँ कागज़ का और मेरा कितना गहरा नाता है . मैं वोही हूँ साइन वोही हैं लेकिन कागज़ बदल जाता है ...........वह शायद कागज़ कागज़ पे लिखा है दस्तखत करने वाले का नाम ...........................

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